Monday, 26 June 2017

कॉलेज फीस के साथ नहीं देनी होगी परीक्षा फीस







दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट (स्नातक) स्तर के दाखिले की फीस के दौरान परीक्षा फीस नहीं देनी होगी। डीयू प्रशासन ने इस बार कॉलेजों को दाखिला फीस के साथ परीक्षा फीस नहीं लिए जाने का आदेश दिया है। पिछले साल से कॉलेजों में दाखिले फीस के साथ ही परीक्षा फीस लेने की शुरुआत की गई थी। 

डीयू अधिकारियों के अनुसार ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वह चाहते हैं कि पहले छात्र दाखिला लेकर स्थिर हो जाएं। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो। क्योंकि दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने में काफी समय है लिहाजा परीक्षा फीस बाद में भी ली जा सकती है। वहीं इस बार डीयू ने दाखिला फीस के लिए पूल फीस सिस्टम की शुरुआत की है। इस सिस्टम के तहत एक कॉलेज में दाखिला लेकर यदि किसी छात्र ने फीस चुका दी और वह अगली कट ऑफ में दाखिला रद्द कराकर दूसरे कॉलेज में जाना चाहता है तो उसे कुछ ही राशि का भुगतान करना होगा। मसलन किसी कॉलेज में किसी कोर्स की फीस 5000 हजार है और किसी दूसरे कॉलेज में उस कोर्स की फीस 6000 है तो उसे केवल एक हजार का भुगतान करना होगा। अगर फीस कम है तो फीस वापस कर दी जाएगी।

ऐसे में दाखिले के समय परीक्षा फीस लेते हैं तो दाखिला रद्द कराने पर परीक्षा फीस वापस करने में भी दिक्कत होगी। यह परेशानी इसलिए भी बढ़ेगी क्योंकि अच्छे कॉलेज और कोर्स के लिए छात्र लगातार एक कॉलेज से दाखिला रद्द कराकर दूसरे कॉलेज में दाखिला लेते रहते हैं। मालूम हो कि पहले यह व्यवस्था थी कि परीक्षा फॉर्म हर सेमेस्टर से पहले भरवाए जाते थे और परीक्षा फीस ली जाती थी। परीक्षा फॉर्म भरने के लिए छात्रों को काफी दिन दिए जाते थे लेकिन आखिरी समय तक कई छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भरते।





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