वेस्टइंडीज के खिलाफ
पांच मैचों की सीरीज चौथे वनडे में भारत को 11 रन से हार का सामना करना
पड़ा। इस लो स्कोरिंग मैच को भारत की हार के साथ-साथ एक और वजह से हमेशा
याद किया जाएगा और वो वजह है पूर्व कप्तान एमएस धोनी का अर्धशतक।
धोनी ने चौथे वनडे में 108 गेंद
खेलकर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह उनके क्रिकेट करियर का सबसे धीमा अर्धशतक
है। जीत के लिए 190 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया के लिए
धोनी की मौदान में मौजूदगी आश की किरण थी लेकिन धोनी ने अपने चिर-परिचित
अंदाज के विपरीत बल्लेबाजी की और एक बार फिर अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज
करा लिया।धोनी का अर्धशतक 16 साल में किसी भी भारतीय द्वारा जड़ा गया सबसे धीमा अर्धशतक है। दो पेस वाली एंटीगुआ की पिच पर गेंद आसानी से बल्ले पर नहीं आ रही थी। ऐसे में धोनी कोगैप ढूंढने में परेशानी हो रही थी। विराट के अनुसार उनके शॉट्स सही थे लेकिन गेंद बल्ले पर आसानी से नहीं आ रही थी। लगातार विकेट गिरते गए और आवश्यक रन रेट भी बढ़ता गया। प्रशंसकों को एक बार फिर धोनी के मैच को जानेमाने तरीके से खत्म करने का विश्वास था लेकिन ऐसा हो न सका और टीम इंडिया को 11 रन से हार का सामना करना पड़ा।
अंत में मैच रोमांचक हो गया था। जीत के लिए भारत को 7 गेंद में 14 रन की दरकार थी। 49वें ओवर की आखिरी गेंद का सामना टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कर रहे थे और दूसरी तरफ वनडे क्रिकेट में पहली बार कुलदीप यादव बल्लेबाजी करने उतरे थे। ऐसे में धोनी ने 1रन लेने के बजाय बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन गेंद सीमा रेखा के पार पहुंचने के बजाए सीधे मिडऑन पर खड़े फील्डर के हाथों में पहुंच गई। धोनी के पवेलियन वापस लौटते ही कैरेबियाई प्रशंसकों को लगा कि उनकी टीम जीत के करीब पहुंच गई है। यदि धोनी मैदान पर बने रहते तो परिणाम कुछ और होता लेकिन टीम इंडिया 49.4 ओवर में 178 रन पर ढेर हो गई और लक्ष्य से 11 रन पीछे रह गई।
MP Sab Kuch

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