थाई फिशरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, यहां पर 1000 से ज्यादा फार्म में करीब 12 लाख मगरमच्छ रह रहे हैं।
थाईलैंड में मगरमच्छों के कई सबसे बड़े फर्म्स का ठिकाना है। यहां चल रहे कई फार्म के अपने स्लॉटर हाउस भी है। यहां कीमती स्किन, मीट और ब्लड के लिए मगरमच्छों को जिंदा काटा जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट भी फर्म्स को देखने के लिए आते हैं। थाई फिशरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, यहां पर 1000 से ज्यादा फर्म में करीब 12 लाख मगरमच्छ रह रहे हैं।
इतने महंगे हैं इससे तैयार होने वाले प्रोडक्ट्स...
- यहां की ओनर विचियान रियुआंगनेट के मुताबिक, हमारी फर्म सभी तरह के काम कर रही है। हम लोगों को रोजगार दे रहे हैं और देश को इनकम दे रहे हैं।
- उन्होंने बताया कि उनकी फर्म कन्वेन्शन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इन्डैंगर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फॉना एंड फ्लोरा से रजिस्टर्ड है।
- इसके जरिए फर्म को लीगल तौर पर मगरमच्छ के जरिए तैयार होने वाले प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करने की परमिशन मिली है।
- विचियान ने कहा कि हमारी फर्म मगरमच्छ से तैयार होने वाले सभी प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करती है। मगरमच्छ के मीट की कीमत प्रति किलो 570 रुपए है।
- उन्होंने बताया कि इसकी स्किन से बने प्रोडक्ट में हैंडबैग और लेदर सूट्स है। एक बैग की कीमत डेढ़ लाख रुपए (2356 डॉलर) है। वहीं लेदर सूट्स की कीमत करीब 4 लाख रुपए (5885 डॉलर) है।
- मगरमच्छ का पित्त और खून दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। प्रति किलो खून की कीमत 1000 रुपए है और पित्त की कीमत प्रति किलो 76 हजार रुपए है।
MP Sab Kuch

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