Thursday, 9 March 2017

न बैण्ड, न बाराती फिर हुई अनोखी शादी, रिश्तेदार जुटे और 17 मिनट में हो गयी शादी

 
 ग्वालियर. न दहेज का टेंशन और न ही पंगत की चिन्ता, न बैण्ड बाजा और न ही बाराती और न मण्डप सजा कर फेरों कवायद हुई दोनों पक्षों के रिश्तेदार जुटे और दूल्हा दुल्हन 17 मिनट में पति पत्नी बन गये। 
अनोखी शादी गुरूजी के आदेश से हुई
मुरैना से सटे जौरा खुर्द में एक अनोखी शादी कराई गयी और इस शादी में न रस्मोरिवाज का झंझट पाला गया न ही दहेज के लेनदेन की बात हुई और बस गुरू रामपाल का आदेश हुआ दुल्हा अपने परिजन के साथ दुल्हन के घर पहुंच गया पण्डाल में दोनो पक्षों एकत्र हुए, 17 मिनट के अन्दरर समाज को साक्ष्ी मानकर दूल्हा दुल्हन ने एक दूसरे को पति पत्नी  मान लिया। मुरैना के जौरा खुर्द निवासी कृष्णा और भिण्ड अटेर के ब्रजेश की शादी इस अनोखे तरीके संपन्न हुई इस शादी में किसी भी तरह की कोई फि जूल खर्ची नहीं की गयी। 
बिन फेरे हम तेरे 
दुल्हन के हाथों मेंहदी रची न दूल्हा सेहरा बांध कर बरात के साथ घोड़ी पर चढ़कर आया। दुल्हन के घर पर मंडप भी नहीं सजाया गया और न ही कन्यादान और फेरों जैसी दर्जनों रस्मों में रात भर का वक्त खर्च किया गया।  दूल्हा.दुल्हन सादा कपड़ों में गुरु जी की तस्वीर के सामने बैठेए और दोनों पक्षों के बुजुर्गों ने एक सफेद फेंटे से उन्हें रिश्ते के गठबंधन में बांध दिया।  पूरे समाज के सामने एक दूसरे को पति.पत्नी स्वीकार करने के बाद दूल्हा.दुल्हन को गुरू आश्रम का जल पीने को दिया गया। इसके बाद दोनों ने अपने गुरू का आशीर्वाद लिया।  ब्रजेश व कृष्णा पति.पत्नी बन गए तो दोनों पक्षों के बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद देकर समाज के सामने पेश कर दिया। ब्रजेश अपनी पत्नी कृष्णा को हाथ थाम कर मं के नीचे जमा समाज के बीच ले गयाए और समाज ने उन दोनों को सुखी दाम्पत्य का आशीर्वाद दिया।



MP Sab Kuch

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