जो लाल बत्ती रसूख का सिंबल है,
उसे आज ना लगाना भी स्टेटस सिंबल से देखा जा रहा है। इसके जरिए नेता अपनी
छवि बदलने का प्रयास कर रहे है। इसके लिए भी बाकायदा एक दौड़ चल रही है।
दिल्ली
की केजरी सरकार के बाद पंजाब की कैप्टन सरकार और अब यूपी की योगी सरकार
लाल बत्ती त्याग कर जनता को आपकी की सरकार होने का मैसेज देने चाह रही है।
जबकि असल में यह भी राजनीति से परिपूर्ण है। लाल बत्ती मुख्यमंत्री या
मंत्री प्रोटोकोल के तहत लगाते हैं, लेकिन इसे त्यागना सरकार का बड़ा
निर्णय भी है। कई नेता बने मंत्री मुख्यमंत्री के इस निर्णय से दुखी भी है।
परंतु केजरी सरकार के इस फैसले को पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार ने
अपनाकर आप की सरकार पर चलने का निर्णय लिया है।
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