नई
दिल्ली. बीएसएफ में असिस्टेंट कमाण्डेंट के पर चयनित 57 प्रतिशत अधिकारियों
ने फोर्स क नौकरी करने से मना कर दिया है पाक से लगी सीमा की रखवाली करने
वाली इस फोर्स में पहले ही लगभग 10 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए है। जानकारी
के अनुसार 2015 में हुई यूपीएससी एग्जाम में कुछ 28 लोग बीएसएफ के लिये
सिलेक्ट हुए थे। इन्हें 2017 में बतौर असिस्टेंट कमाण्डेंट ज्वाइन करना था
लेकिन 16 लोगों ने नौकरी करने से मना कर दिया, हो सकता है कि आने वाले समय
में यह लोग किसी भी पैरामिलिट्री फोर्स के एग्जाम में न बैठ पायें। फिर भी
इन्होंने ज्वाइन करने से इंकार किया है।
2013 में 110 में से केवल 69 ने ज्वाइन किया
बीएसएफ
पिछले कुछ समय से सिलेक्शन के बावजूद अफसरों के ज्वाइन न करने की समस्या से
जूझ रही है। 2014 में 31 लोग सिलेक्ट हुए थे। लेकिन साल 2016 में इनमें से
सिर्फ 17 ने ही ज्वाइन किया। वहीं, 2013 में सिलेक्ट 110 लोगों में से 69
ने ज्वाइन किया। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान 15 फिर छोड़कर चले गए।
सीआईएसएफ है पहली पसंद बीएसएफ नहीं
नौकरी
ज्वाइन न करने वाले विवेक मिन्ज ने कहा, बीएसएफ उनकी पहली पसंद नहीं है।
अगर सीआईएसएफ में चुने जाते तो ज्वाइन कर लेते। मेरा टारगेट आईएएस बनना
है।सीआईएसएफ में पोस्टिंग शहरों में रहेगी। इससे आगे की पढ़ाई करने में
आसानी होगी। वहीं, एक कैंडिडेट ने आशंका जताई कि बीएसएफ में प्रमोशन में
रोड़े अटकाए जाते हैं। नौकरी छोड़ने वाले पंजाब के एक शख्स ने कहा कि लोगों
की नजरों में आर्मी की इज्जत बीएसएफ के जवान से ज्यादा होती है। दूसरे ने
कहा कि लड़का खोज रहे परिवार की पहली पसंद भी आर्मी वाला होता हैए बीएसएफ
का जवान नहीं।MP Sab Kuch

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