Monday, 15 May 2017

पत्रकारिता में नारदजी की आँख और वाणी जैसे सामंजस्य की जरूरत -श्री रूपला

 
ग्वालियर देवऋषि नारद जी की आंख व वाणी में जो सामंजस्य था, आज की पत्रकरिता में भी वैसे ही सामंजस्य की जरूरत है। यह बात संभाग आयुक्त  एसएन रूपला ने कही। श्री रूपला रविवार को मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति सेवा न्यासए ग्वालियर के तत्वावधान में आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह एवं पत्रकारिता का भविष्य और भविष्यकी पत्रकारिता’  विषय पर आयोजित हुई संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
संभागायुक्त एसएन रूपला ने कहा कि भिन्न.भिन्न जगह का पानी व अलग.अलग लोगों का रक्त देखने में एक जैसे दिखाई देते हैं। मगर इनकी जाँच में कई तरह के तत्व सामने आते हैं। इसी तरह समाचार सामग्री की गहरी छानबीन कर उसे प्रसारित करना चाहिए, तभी वह खबर सत्य के नजदीक होगी। ऐसा न करने से पत्रकारिता में भी ऐसा परिलक्षित होता है कि जो व्यक्त हो रहा है, वह दिखाई नहीं दे रहा है और जो दिखाई दे रहा है, वह व्यक्त नहीं हो रहा है। 
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा भारत में पत्रकारिता कभी कमीशन नहीं, मिशन ही थी। यदि हम मिशन भाव से काम नहीं करेंगे तो पत्रकारिता लम्बी नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि नारद जी के संवाद में विलक्षण बात है। उनसे सीखने वाली बात यह है कि वे देवताओं और असुरों दोनों को कवर करते थे। 
विशिष्ट अतिथि लोकसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा ने कहा कि आज भविष्य की पत्रकारिता को प्रभावी और सत्यपरक बनाने की जरूरत है। मामा माणिकचंद वाजपेयी स्मृति सेवा न्यास के अध्यक्ष दीपक सचेती ने कहा कि न्यास जिस विलक्षण शख्सियत के नाम पर कार्य कर रही हैए उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी पत्रकारिता को जीवित रखा। 
कार्यक्रम का संचालन राजेश वाधवानी ने एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम संयोजक राजलखन सिंह ने किया। 
इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए वरिष्ठ पत्रकार सुरेश दंडोतिया, अभिषेक शर्मा, विजय याग्निक, विक्रम प्रजापति, आकाश सक्सेना, दीपक तोमर को अतिथियों द्वारा शॉल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

MP Sab Kuch

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